" क्यों ना फिर चलें प्रेमचंद- शरतचंद्र की ओर...!!! "
Friday, 25 October 2019
पत्थर दिली संसार से निकलती वीणा की तान..🏞🏞
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पिछले साल वर्ष २०१८ दिसंबर माह.. खबर मिली.. की मेरी बुआ पीसीमाँ का इलाज सिल्लीगुड़ी के एक अस्पताल में चल रहा है। उन्हें देखने की मंशा को ल...
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Tuesday, 22 October 2019
देवप्रयाग व प्रयागराज के संगमों से निकलता विप्रप्रयाग का ब्लूप्रिंट..
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ये बात वर्ष २०१३ जनवरी की है। वर्ष २०१२ दिसंबर माह में बक्सर कॉलेज जॉय्न करने के बाद.. वहाँ आसपास की ग्रामीण नैसर्गिकताओं व प्राकृतिक संस...
शाम ऐ #गजल.. मेंहदी हसन के साथ.. 🎙🎙
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हमेशा की तरह कैसेट सेल्फ के सामने टकटकी लगाऐ कैसेटों के कवरों को देखता रहता। फिर उन कैसेटों में हमेशा की तरह तीसरी मंजिल और एन ईवनिंग इन ...
चहेते जगजीत सिंह की गजल फ्रेम से..🎶🎶🎙
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१९८० के दौर में रीलिज होनें वाले बॉलीवुड फिल्मों के लाऊड स्पीकर वाले कान फोड़ू गानों से ठीक अलग कुछ गानें जो अक्सर रात के अंधेरे में हल्के...
Thursday, 25 July 2019
हाफ लैंग्वेज पार्ट-II "रणचंडी" Half Language Part-II
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..दिवालों पे उकेरते अक्षरों के साथ मन ही मन बड़बड़ाता रणचंडी और फिर दूर से आती ट्रेनों की घड़घड़ाहट को सुन खिड़की से दूर ताकने लग जाता। काफी ...
Saturday, 10 November 2018
३० घंटे नवाबी के.. दरभंगा राज यूनिवर्सिटी से हैदराबाद यूनिवर्सिटी का सफर..
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पटना से पूर्णियाँ सुबह पहुँचते ही, रिक्शे में बैठ घर को आते वक्त जो दो शब्द मैं अपनी प्रकृति को आदरपूर्वक दे पाया था.. वो सुबह सुबह का ...
Monday, 5 November 2018
यात्रा साहित्य के महापंडित राहुल सांकृत्यायन के रेफरेंस से..
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“ मेरी समझ में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ वस्तु है घुमक्कड़ी। घुमक्कड़ से बढ़कर व्यक्ति और समाज का कोई हितकारी नहीं हो सकता। दुनिया दुख में हो...
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