Wednesday, 3 October 2018

मैं बस एक स्वर्णिम कोशिश करता जाता हूँ..

..मैं बस एक स्वर्णिम कोशिश करता जाता हूँ।
..नव-सृजित पहचान कराता जाता हूँ।।
..जीता जागता और जगाता हूँ।
..क्योंकि मिले सफर में प्रथम तुम।।
..अपने ईश्वर को समक्ष ही पाता जाता हूँ।
..मैं बस एक स्वर्णिम कोशिश करता जाता हूँ।।
..चाह नहीं अंतरिक्ष की।
..अंतर-कक्ष में बैठना चाहता हूँ।।
..दूरियों के विष अंतरों को।
..अमृताक्ष में पिना चाहता हूँ।।
..स्वर्णिम हूँ ..स्वर्णिम मदों में जीना जानता हूँ।
..मैं बस एक स्वर्णिम कोशिश करता जाता हूँ।।

#मेरीकविता

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